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नई दिल्ली: दिवाली बीत गई है और नवंबर की भी शुरुआत हो गई है लेकिन अभी भी गर्मी रिकॉर्ड तोड़ रही है। कुछ पहाड़ी इलाकों को छोड़कर देशभर में गर्मी का कहर जारी है। आलम ऐसा है कि दिल्ली-NCR के बिना AC-पंखे के लोगों की रात नहीं कट रही है। एक वक्त ऐसा भी था जब नवंबर आते-आते सुबह-शाम की ठंड महसूस होने लगती थी लेकिन इस साल तो गर्मी जाने का और ठंड आने का नाम नहीं ले रही है।दिल्ली में टूटा 73 सालों का रिकॉर्ड
मौसम विभाग ने बताया कि इस साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी है। देशभर में अक्टूबर का महीना सबसे गर्म रहा। वहीं दिल्ली में तो अक्टूबर में गर्मी ने पिछले 73 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र के अनुसार 1951 के बाद इस साल अक्टूबर महीने में सबसे अधिक गर्मी पड़ी है। इस साल अक्टूबर में राजधानी का अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले साल 1951 में सबसे अधिक तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
अक्टूबर क्यों रहा गर्म?
कुछ साल पहले तक अक्टूबर के खत्म होते- होते ठंड दस्तक दे देती थी लेकिन इस साल अक्टूबर तो छोड़िए नवंबर की भी शुरुआत हो गई है लेकिन ठंड अभी तक 'लापता' है। मौसम के इस बदलाव से जलवायु वैज्ञानिक भी काफी चिंतित हैं। उनका मानना है कि ये सब कुछ ग्लोबल वार्मिंग से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जलवायु वैज्ञानिक ने बताया कि इस बार अक्टूबर के गर्म होने की सबसे बड़ी वजह पश्चिमी विक्षोभ का न आना है। जिसकी वजह से अक्टूबर में तेज धूप निकली और अधिकतम तापमान में इतना बड़ा अंतर देखा गया। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली एनसीआर में 10 नवंबर के बाद ठंड दस्तक दे सकती है।
प्रदूषण भी कर रहा दिल्ली को परेशान
दिल्लीवासी इन दिनों गर्मी और प्रदूषण दोनों की मार झेल रहे हैं। प्रदूषण की वजह से काफी लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। वहीं कुछ लोगों को आंखों में जलन की भी शिकायत है। बता दें कि दिवाली पर दिल्ली में पटाखे बैन थे लेकिन फिर भी राजधानी में खूब आतिशबाजी हुई। जिसकी वजह से आज सुबह दिल्ली के काफी इलाकों में धुंध की चादर छाई दिखी।
दिल्ली में टूटा 73 सालों का रिकॉर्ड
मौसम विभाग ने बताया कि इस साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी है। देशभर में अक्टूबर का महीना सबसे गर्म रहा। वहीं दिल्ली में तो अक्टूबर में गर्मी ने पिछले 73 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र के अनुसार 1951 के बाद इस साल अक्टूबर महीने में सबसे अधिक गर्मी पड़ी है। इस साल अक्टूबर में राजधानी का अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले साल 1951 में सबसे अधिक तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।दिल्ली में अब तक के सबसे गर्म अक्टूबर के महीने
साल | औसत अधिकतम तापमान (°C) | साल | औसत न्यूनतम तापमान (°C) |
---|---|---|---|
1951 | 36.2 | 1915 | 22.3 |
1941 | 35.8 | 1951 | 22.3 |
1907 | 35.5 | 1901 | 21.6 |
2024 | 35.1 | 1927 | 21.5 |
1930 | 35.0 | 2024 | 21.2 |
1938 | 35.0 | 1928 | 21.1 |
अक्टूबर क्यों रहा गर्म?
कुछ साल पहले तक अक्टूबर के खत्म होते- होते ठंड दस्तक दे देती थी लेकिन इस साल अक्टूबर तो छोड़िए नवंबर की भी शुरुआत हो गई है लेकिन ठंड अभी तक 'लापता' है। मौसम के इस बदलाव से जलवायु वैज्ञानिक भी काफी चिंतित हैं। उनका मानना है कि ये सब कुछ ग्लोबल वार्मिंग से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जलवायु वैज्ञानिक ने बताया कि इस बार अक्टूबर के गर्म होने की सबसे बड़ी वजह पश्चिमी विक्षोभ का न आना है। जिसकी वजह से अक्टूबर में तेज धूप निकली और अधिकतम तापमान में इतना बड़ा अंतर देखा गया। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली एनसीआर में 10 नवंबर के बाद ठंड दस्तक दे सकती है।प्रदूषण भी कर रहा दिल्ली को परेशान
दिल्लीवासी इन दिनों गर्मी और प्रदूषण दोनों की मार झेल रहे हैं। प्रदूषण की वजह से काफी लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। वहीं कुछ लोगों को आंखों में जलन की भी शिकायत है। बता दें कि दिवाली पर दिल्ली में पटाखे बैन थे लेकिन फिर भी राजधानी में खूब आतिशबाजी हुई। जिसकी वजह से आज सुबह दिल्ली के काफी इलाकों में धुंध की चादर छाई दिखी।कब आएगी ठंड?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि कम से कम अगले दो सप्ताह तक उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से 2-5 डिग्री ऊपर बना रहेगा, जिसके बाद इसमें धीरे-धीरे गिरावट आएगी। महापात्रा ने कहा कि मौसम कार्यालय नवंबर को सर्दियों के महीने के रूप में नहीं गिनता है। उन्होंने कहा कि जनवरी और फरवरी सर्दी के महीने माना जाते हैं, जबकि दिसंबर में ठंड के संकेत मिलते हैं।इन राज्यों में नवंबर में बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने दक्षिणी प्रायद्वीप में, उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण नवंबर में तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, केरल और माहे और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है। मौसम कार्यालय ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है।
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